Tuesday, October 28, 2008

Sero sayari

Monday, October 27, 2008

एक अजब सी पहेली हैं जिन्दगी, सबके साथ होते हुए भी अकेली हैं जिन्दगी!

एक अजब सी पहेली हैं जिन्दगी, सबके साथ होते हुए भी अकेली हैं जिन्दगी!
कभी तो एक प्यारा सा अरमान हैं जिन्दगी, तो कभी दर्द से भरा तूफ़ान हैं जिन्दगी !
कभी फुलो जैसी मासूम हो जाती हैं जिन्दगी, तो कभी गुनाहों का बोझ बन जाती हैं जिन्दगी !
कभी तो गुलो से भरा गुलिस्ता हैं जिन्दगी, तो कभी काँटों से भरा रास्ता हैं जिन्दगी !
कोई तो बता दे क्या हैं जिन्दगी, सुना हैं चाँद रोज की मेहमान हैं जिदंगी !
जिन्दगी को छोड़ एक दिन जाना पड़ेगा, मौत को उस पल गले लगाना पड़ेगा!
जिन्दगी से चाहे जितना प्यार कर लो, होती हैं आखिर बेवफा ये जिन्दगी!
ऐ बन्दे की कुछ ऐसे जी जाए जिन्दगी, की बन जाए एक एहसास एक इतिहास जिन्दगी




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मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ

दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है

दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए

मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती



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Dosti shayad zindgi hoti hai,
.....Jo har dil mein basi hoti hai,
.....Waise to jee lete hai sabhi akele magar,
.....Phir bhi zarurat inki har kisi ko hoti hai..!!



.....Tanha ho kabhi to mujko dhundna,♥
.....duniya se nahi apne dil se poochna,♥
.....Aas pas hi kahi base rahte hai hum,♥
.....yaado se nahi saath guzare lamho se puchna..!!♥



.....Khawaish Hi Nahi Alfaaz Ki,♥
.....Chahat Ko To Zarurat Hai Bas Ehsaas Ki,♥
.....Paas Hote To Manzar Hi Kya Hota,♥
.....Door Se Khabar Hai Hume Aapki Har Saans Ki..!!♥



.....Dil jeet le wo jigar hum bhi rakhte hai,♥
.....katal kar de wo nazar hum bhi rakhte hai,♥
.....Aapse wada hai humara hamesha muskrane ka,♥
.....Varna aankho mein samundar hum bhi rakhte hai..!!♥



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कभी मैं जो कह दूं दोस्ती है तुम से !

कभी मैं जो कह दूं दोस्ती है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !

है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल न लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !

मोहब्बत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
जो बन के कली मुस्कूराती है अक्सर !
शबे हिज्र मैं जो रुलाती है अक्सर !
जो लम्हों ही लम्हों मे दुनिया बदल दे !
जो शायर को दे जाये पेहलु ग़ज़ल की !
छुपाना जो चाहे छुपाई न जाये !
भुलाना जो चाहे भुलाई न जाये !
वो पेहली मोहब्बत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम
जिनकी झलक मे करार बहुत है..
उसका मिलना दुशवार बहुत है..

जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..
उस से हमें प्यार बहुत है..

जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं मलूम..
इन धडकनों को उसका इंतेज़ार बहुत है..

येह हो नही सकता कि वो हमे भुला दे..
क्या करें हमे उसपे एतबार बहुत है..


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विश्वास के कोमल धागों से है बनता, रिश्तो का संसार |
ज्ञान नहीं, धन नहीं, प्रेम है जीवन का आधार ||

जो प्रेम, स्वार्थ की सीमाओं से परे, करे, वो दोस्त |
खाली जीवन को, स्वर्णिम लम्हों से करे, हरे भरे, वो दोस्त ||

वो दोस्त, समझ हो जिसे, दोस्त की हर धड़कन की |
वो दोस्त, समझ हो जिसे, इस अटूट बन्धन की ||

यह तन नश्वर, जीवन नश्वर, है नश्वर यह संसार |
जो मिटे नहीं, रहे अमर सदा, वो है, दोस्ती – एक अमूल्य ऊपहार


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College life is like Reliance !!
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" Karlo Duniya Mutthi Mein"
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Bachelor Life is Like Airtel!!
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" Aisi Azadi aur Kahan"
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After Engagement is Like Idea!!
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" Jo Badal de aapki Zindgi"
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After Marrige is like Hutch!!
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" Where U go.. network Follows"
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After Kid is like BSNL!!
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" All lines are Buzy"
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so frnds enjoy each moments



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शहर की इस दौड में दौड के करना क्या है?
अगर यही जीना हैं दोस्तों... तो फिर मरना क्या हैं?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िकर हैं......
भूल गये भींगते हुए टहलना क्या हैं.......
सीरियल के सारे किरदारो के हाल हैं मालुम......
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुरसत कहाँ हैं!!!!!!
अब रेत पर नंगे पैर टहलते क्यों नहीं........
१०८ चैनल हैं पर दिल बहलते क्यों नहीं!!!!!!!
इंटरनेट पे सारी दुनिया से तो टच में हैं.......
लेकिन पडोस में कौन रहता हैं जानते तक नहीं!!!!
मोबाईल, लैंडलाईन सब की भरमार हैं.........
लेकिन ज़िगरी दोस्त तक पहुंचे ऐसे तार कहाँ हैं!!!!
कब डूबते हुए सूरज को देखा था याद हैं??????
कब जाना था वो शाम का गुजरना क्या हैं!!!!!!!
तो दोस्तो इस शहर की दौड में दौड के करना क्या हैं??????
अगर यही जीना हैं तो फिर मरना क्या हैं!!!!!!!!


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एक लब्ज मैं क्या तरीफ करूं आपकी अप लाब्जों मैं कैसे समां पाओगे ,

एक लब्ज मैं क्या तरीफ करूं आपकी अप लाब्जों मैं कैसे समां पाओगे ,
बस इतना जन लो की जब लोग दोस्ती के बारे मैं पूछेंगे,
तो मेरी आँखों से सिर्फ तुम नजर आओगे !

वादियों से चाँद निकल आया है,
फीजाओं मैं नया रंग छाया हैं ,
आप हो की खामोस बेठे हैं ,
अब तो मुस्कराओ क्यूंकि एक बार फिर हमारा स्क्रैप आया है.


जीवन की लंबी राहों में,
तेरे बिन हम रह ना पाए
होठों पर तो गीत बहुत थे,
तेरे बिन हम कह ना पाए।।

संध्या की मधुरिम बेला में,
तन्हाई मुझको डसती है
चंदा संग इठलाती रजनी,
व्यंग्य हँसी मुझ पर हँसती है
अश्रु बिन्दु पलकों में ठहरे,
निकल नयन से बह ना पाए
जीवन की लंबी राहों में,
तेरे बिन हम रह ना पाए।

भीड़ भरे इन गलियारों में,
तेर बिना एकाकीपन है
साहिल खोज रही लहरों में,
भटकी तरणी सा जीवन है
झंझावत सहे हैं हँसकर,
तुझसे दूरी सह ना पाए
जीवन की लंबी राहों में,
तेरे बिन हम रह ना पाए।।

तेरे ही सपने नयनों में,
दिल में तेरी ही धड़कन है
उलझा है तन संबंधों में,
खोया तुझमें मेरा मन है
सिमटे सप्त सिंधु अंतर में,
पर तुम इसकी तह ना पाए
जीवन की लंबी राहों में,
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कल फुरसत न मिली तो क्या होगा
इतनी मोहलत न होगी तो क्या होगा ,
रोज तुम्हारा स्क्रैप की इंतज़ार करता हूँ
कल आँखें न रहे तो क्या होगा.


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नई सदी के रंग में ढलकर हम याराना भूल गए
सबने ढूँढे अपने रस्ते साथ निभाना भूल गए।

शाम ढले इक रोशन चेहरा क्या देखा इन आँखों ने
दिल में जागीं नई उमंगें दर्द पुराना भूल गए।

ईद, दशहरा, दीवाली का रंग है फीका-फीका सा
त्योहारों में इक दूजे को गले लगाना भूल गए।

वो भी कैसे दीवाने थे खून से चिट्‍ठी लिखते थे
आज के आशिक राहे-वफा में जान लुटाना भूल गए।

बचपन में हम जिन गलियों की धूल को चंदन कहते थे।
बड़े हुए तो उन गलियों में आना जाना भूल गए।

शहर में आकर हमको इतने खुशियों के सामान मिले
घर-आँगन, पीपल-पगडंडी, गाँव सुहाना भूल गए।


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सेहर है या कोई सहरा है दोस्त,
सभी बातों पे क्यों पहरा है दोस्त,

जहाँ कश्ती मेरी आकर रुकी है
समन्दर और भी गहरा है ए दोस्त,

हज़ारों आईने हैं इस जगह पर
कहाँ खोया मेरा चेहरा है दोस्त,

जो कहता है के सुनता हूँ सभी की
असल में वो ही तो बहरा है दोस्त,
लगामें बस लबों तक ही नहीं हैं
यहाँ एहसास पर पहरा है ए दोस्त,

दिखे कैसे यहाँ पर कुछ किसी को
निगाहों में भरा कोहरा है दोस्त ,

कहे "विकास" ये सच है सिर्फ़ सच है
लगा चेहरों पे इक चेहरा है मेरे दोस्त !

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Jis kisi ko bhi chaho woh bewafa ho jaata hai

Jis kisi ko bhi chaho woh bewafa ho jaata hai
Sar agar jhukao to sanam khuda ho jaata hai

Jab talak kaam aate raho, humsafar kehlaate raho
Kaam nikal jaane par humsafar, koi doosra ho jaata hai

Ghum nahi tha humko kabhi zamaane ki ruswaaion ka
Takleef hoti hai jab koi apna khafa ho jaata hai

Dil ki khalish aksar jaan leva ho jati hai lekin
Dar-e-dil ek had ke baad dard-e-dawa ho jaata hai

Hara-bhara hai gulshan-e-yaar, yeh bahar ke din hai
Khizan aane par dekho ek ek patta, kaise juda ho jaata hai

Yahi sachchai hai, haqeeqat hai, yahi dastoor-e-zindagi hai

सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा

सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा

क़यामत तक तुझे याद करेंगे
तेरी हर बात पर एतरार करेंगे
तुम्हे SCARPS करने को तो नहीं कहेंगे
फिर भी तुम्हारे SCARPS का इन्तजार करेंगे

रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है,
सितारों की जरूरत आसमान को होती है,
आप हमें भूल न जाना, क्योंकी
दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है

Sunday, October 26, 2008

हर इक चेहरे को जख़्मों का आईना ना कहो

हर इक चेहरे को जख़्मों का आईना ना कहो
ये जिंदगी तो है रहमत इसे सजा न कहो

जाने कौन सी मजबूरियों का कैदी हो
वो साथ छोड़ गया है तो बेवफा न कहो

तमाम शहर ने नेज़ो पे क्यों उछाला मुझे
ये इत्तेफाक़ था इसे हादसा न कहो

ये और बात है के दुश्मन हुआ है आज मगर
वो मेरा दोस्त था कल तक उसे बुरा न कहो

हमारे ऐब हमें उँगलियों पे गिनवाओ
हमारी पीठ के पीछे हमें बुरा न कहो

मैं वाक़ियात की ज़ंजीर नहीं कायल
मुझे भी अपने गुनाहों का सिलसिला न कहो

ये शहर वो है जहाँ रक्कास भी है 'राहत'
हर इक तराशे हुए बुत को खुदा न कहो।

Tum zindagi na sahi

Tum zindagi na sahi
Dost bankar to zindagi me aao
Tum hansi na sahi
Muskan bankar to zindagi me aao.
Tum haqiqat na sahi
khyal bankar to zindagi me aao
Tum nazar na sahi
yaad bankar to zindagi me aao.
Tum dil na sahi
Dhadkan bankar to zindagi me aao
Tum gazal na sahi
Shayeri bankar to zindagi me aao.
Tum khushiya na sahi
gam bankar to zindagi me aao
Tum paas na sahi
Ehsas bankar to zindagi me aao.
Tum kal na sahi
Aaj bankar to zindagi me aao
Tum zindagi na sahi
Dost bankar to zindagi me aa

Suno Qismat se ladne ki

Suno Qismat se ladne ki
Kabhi koshish nahi karte

Muqaddar jab mukhalif ho
Duaain be-aser jayen
Sabhi manzar bikher jayen
To aise main baghawat ki
Kabhi koshish nahi karte

Kisi ke saath chalne ki
Kisi ke Dil main basne ki
Kabhi khuwahish nahi karte

Kisi ek shakhs ki khatir
Sabhi se door ho jaana
Kahan ki yeh Mohabbat hai?
Mohabbat yeh nahi hoti
Mohabbat Dil main hoti hai

Mohabbat aks hai RAB ka
Kabhi yeh mar nahi sakti
Hamesha saath rehti hai
Hamesha saath chalti hai

Mile jo humsafar tum ko
Us hi ke saath chalna tum
Usse dharkan bana lena
Usey Dil main basa lena
Mager Qismat se larrne ki
Lakeron se ulajhne ki
Kabhi koshish nahi karte

Tere Naam Ghazal Likh Raha Hoon

Tere Naam Ghazal Likh Raha Hoon
Judaye Ka ek Lamha Likh Raha Hoon

Tere Chehray Ki Khubsoorti Ko
Ek Chaand Likh Raha Hoon

Teri Bheegi Hoove Zulfoon Per
Ek Dewaan Likh Raha Hoon

Tere Hoontoon Ki Piyaas Ko
Ek Sharaab Likh Raha Hoon

Tere Hasnay kay Andaz Ko
Ek khilta Gulab Likh Raha Hoon

Tere Aansoovo Ki Barsat Ko
Ek Darya Likh Raha Hoon

Teri Nazuk Adaoon Ko
Ek Gulab Likh Raha Hoon

Teri Dilkash Aawaz Ko
Ek KoYal Ki Awaz Likh Raha Hoon

Teri Aankhoo Ki Kashish Ko
Ek Jaam Likh Raha Hoon

Tere Naam Ke Matlab Per
Bus Ek Kitab Likh Raha Hoon

wo college ke lawn pe pyar bhari baaten

wo college ke lawn pe pyar bhari baaten
wo syalbus ki tension,wo exam ki raaten
wo canteen ki party,wo B'day ki laate
wo roothna manana,wo bunk wo mulaqate
wo lab wo library wo sona temporary
wo movie wo music wo cards ke megic
wo proposel ki planning mein raat ka guzrna
phir class mein peeche ki seat mein sona
wo library mein jaker baaten karna
or betuki baaton ko seriously le lena
phir na aayenge wo din or raaten agar kuch baki rah jayengi to bus ye

चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,

चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,
जिनने बहुत प्यार दिया,
पर कुछ लोग समझ ना सके,
फिर भी मैने सबसे प्यार किया।

दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,
तेरे गम से हम दुखी है,
तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,
तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।

एक रोटी सही मेहनत से कमा कर देखो

एक रोटी सही मेहनत से कमा कर देखो
ज़िन्दगी क्या है पसीने में नहा कर देखो

सिर्फ़ अपने लिए राहत की तमन्ना कैसी
दूसरों के लिए तकलीफ़ उठा कर देखो

तुमको मजबूरी का अन्दाज़ा भी हो जाएगा
फूल मेहनत के हथेली पे खिला कर देखो

सुबहा और शाम का संगम नज़र आजाएगा
ज़ुल्फ़ को आरिज़-ए-रोशन पे गिरा कर देखो

सिर्फ़ अपने ही नशेमन को बचाना कैसा
हर नशेमन को तबाही से बचा कर देखो

तुमको हर गाम पे जीने के मज़े आएँगे
खिदमत-ए-ख्ल्क़ में अपने को मिटा कर देखो

कितना दुशवार है इस दौर में जीना अनवर
इक दिया तुम भी हवाओं में जला कर देखो!!

तेरा हँसना कमाल था साथी

तेरा हँसना कमाल था साथी
हमको तुमपर मलाल था साथी

दाग चेहरे पे दे गया वो हमें
हमने समझा गुलाल था साथी

रात में आए तेरे ही सपने
दिन में तेरा ख्याल था साथी

उड़ गई नींद मेरी रातों की
तेरा कैसा सवाल था साथी

करने बैठे थे दिल का वो सौदा
कोई आया दलाल था साथी

बहारों का कुछ ऐसा समां बंध गया है ,

बहारों का कुछ ऐसा समां बंध गया है ,
की दर्द हीं दील का दवा बन गया है ,
सपने बीखर रहे बन के रेत हाथों से ,
जो बचा था , कुछ धुंवा कुछ हवा बन गया है |

मंजीलें थीं मेरी तेरे आस पास ,
पर जीसपे साथ चलते थे वो रासता कीधर गया ,
जो ना डरता था ज़माने में कीसी से,
आज ख़ुद क्यों अपने आप से डर गया |

क्यों ये जानना ज़रूरी था की कौन सही , कौन ग़लत है,
अब दूर होकर क्यों पास आने की तलब है,
फीर से पुरानीं गलतियों को दोहराने को जी चाहता है ,
बदले की आरजू है या प्यार की कशीश है |

तुम हीं रुक जाओ की वक्त तो रुकता नहीं ,
क्यों ये पर्वत तो कभी झुकता नहीं ,
मेघ बनके बरस जाओ तुम मुझ पर ,
की ओस की बूंदों से प्यास बुझता नहीं |

तूफ़ान है तूझमें मुझे टूटने बीखर जाने दो ,
इससे अच्छा और क्या मील सकता सीला है ,
बहारों का कुछ ऐसा समां बंध गया है ,
की दर्द हीं दील का दवा बन गया है |

Massages

specially for orkut scraps
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